कोतवाली फतेहगढ के मोहल्ला दुर्गा कालोनी भोलेपुर निवासी 39 वर्षीय कौशलेन्द्र पुत्र दशरथ सांय लोहिया अस्पताल
कोतवाली फतेहगढ के मोहल्ला दुर्गा कालोनी भोलेपुर निवासी 39 वर्षीय कौशलेन्द्र पुत्र दशरथ सांय लोहिया अस्पताल पहुंचा। कौशलेन्द्र ने बताया कि मुझे बुखार आ रहा है, डाक्टर अभिषेक चतुर्वेदी ने कौशलेन्द्र से जब पूछताछ की तो उनके होश उड गये। कौशलेन्द्र ने बताया कि मै 26 दिनो तक चीन में रहा और करीब एक सप्ताह से भारत आया हूँ। कौशलेन्द्र ने बताया कि मै जिस दिन से घर आया और उस दिन से
फर्रूखाबाद
फतेहगढ गांव आदि स्थानों पर घूमता रहा। डा0 अभिषेक चतुर्वेदी की सूचना पर प्रशासनिक सीएमएस डा0 राजेश तिवारी एवं डा0 प्रज्ञानंद मिश्रा की टीम ने कौशलेन्द्र का सावधानी पूर्वक परीक्षण किया तो उन्होने दावा किया कि यह शतप्रतिशत कोरोना संक्रमित है और लापरवाही के कारण
पता नही कितने लोगों को संक्रमित कर दिया होगा। डाक्टरों ने बताया कि वह कल कोरोना वायरस से सुरक्षित पूरी ड्रेस पहनकर मरीज के खून का सेम्पल लेगे और उसे परीक्षण के लिये प्रयोगशाला भेजेगे।
सीएचसी के द्वारा बालक को कोरोना संदिग्ध घोषित किये जाने से भी लोहिया अस्पताल में हडकम्प मच गया। थाना राजेपुर के ग्राम गाजीपुर की मडैया निवासी जीतू गौतम के 4 वर्षीय पुत्र दिव्यांशु को बुखार था। दिव्यांशु को उसकी मौसी नेहा इलाज के लिये राजेपुर सीएचसी ले गई। सीएचसी से दिव्यांशु को कोरोना वायरस की आशंका में लोहिया अस्पताल के लिये रेफर किया गया। ईएमटी अभिलाष ने दिव्यांशु को सांय 5 बजे लोहिया अस्पताल पहुंचाया। डा0 अभिषेक ने दिव्यांशु का चेकअप किया और नेहा से बालक के बारे में पूछताछ की। नेहा ने बताया कि दिव्यांशु ने बीते 4 दिन पूर्व शौचालय के टैंक में पानी डाला और उसी पानी से हाथ धोये वह कोरोना वायरस होने की आशंका में बार-बार साबुन से हाथ धोता था। इसी दौरान दिव्यांशु के पेट पर चकत्ते पड गये और बुखार आ गया है। डा0 अभिषेक चतुर्वेदी ने जांच के बाद निष्कर्स निकाला कि बालक को एलर्जी होने के कारण बुखार आ गया है। लेकिन सीएचसी के द्वारा कोबिट-19 बताते हुये कोरेनटाइन प्रोटोकॉल में रखे जाने की सलाह दी गई। जिसके कारण डाक्टर चतुर्वेदी ने प्रशासनिक सीएमएस डा0 राजेश तिवारी को कॉल भेजी। डाक्टर के द्वारा बालक को आईसोलेंशन वार्ड में भर्ती किया गया। बाद में डा0 राजेश तिवारी, डा0 प्रज्ञानंद, डा0 अभिषेक चतुर्वेदी आदि की टीम ने पुनः बालक का परीक्षण कर निष्कर्स निकाला कि बालक को कोरोना वायरस की आशंका नही है। बालक को उपचार के लिये बच्चा वार्ड में भर्ती किया गया। राजेपुर सीएचसी के प्रभारी प्रमित राजपूत ने बताया कि उन्हे नही मालुम कि किसने बालक को कोरोना का संदिग्ध बताकर रेफर किया है। मालुम हो कि लोहिया अस्पताल में 14 आईसोलेशन वार्ड बनाये गये है एक वार्ड में एक ही मरीज रखा जाता है। अपर उपजिलाधिकारी सुनील यादव ने डा0 अभिषेक चतुर्वेदी के साथ आईसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। 2 वार्डो में 2 संदिग्ध मरीज भर्ती है जिनमे बैंक कर्मचारी राकेश तथा शीशमबाग निवासी नेपाल से आया युवक है।
फर्रूखाबाद
फतेहगढ गांव आदि स्थानों पर घूमता रहा। डा0 अभिषेक चतुर्वेदी की सूचना पर प्रशासनिक सीएमएस डा0 राजेश तिवारी एवं डा0 प्रज्ञानंद मिश्रा की टीम ने कौशलेन्द्र का सावधानी पूर्वक परीक्षण किया तो उन्होने दावा किया कि यह शतप्रतिशत कोरोना संक्रमित है और लापरवाही के कारण
पता नही कितने लोगों को संक्रमित कर दिया होगा। डाक्टरों ने बताया कि वह कल कोरोना वायरस से सुरक्षित पूरी ड्रेस पहनकर मरीज के खून का सेम्पल लेगे और उसे परीक्षण के लिये प्रयोगशाला भेजेगे।
सीएचसी के द्वारा बालक को कोरोना संदिग्ध घोषित किये जाने से भी लोहिया अस्पताल में हडकम्प मच गया। थाना राजेपुर के ग्राम गाजीपुर की मडैया निवासी जीतू गौतम के 4 वर्षीय पुत्र दिव्यांशु को बुखार था। दिव्यांशु को उसकी मौसी नेहा इलाज के लिये राजेपुर सीएचसी ले गई। सीएचसी से दिव्यांशु को कोरोना वायरस की आशंका में लोहिया अस्पताल के लिये रेफर किया गया। ईएमटी अभिलाष ने दिव्यांशु को सांय 5 बजे लोहिया अस्पताल पहुंचाया। डा0 अभिषेक ने दिव्यांशु का चेकअप किया और नेहा से बालक के बारे में पूछताछ की। नेहा ने बताया कि दिव्यांशु ने बीते 4 दिन पूर्व शौचालय के टैंक में पानी डाला और उसी पानी से हाथ धोये वह कोरोना वायरस होने की आशंका में बार-बार साबुन से हाथ धोता था। इसी दौरान दिव्यांशु के पेट पर चकत्ते पड गये और बुखार आ गया है। डा0 अभिषेक चतुर्वेदी ने जांच के बाद निष्कर्स निकाला कि बालक को एलर्जी होने के कारण बुखार आ गया है। लेकिन सीएचसी के द्वारा कोबिट-19 बताते हुये कोरेनटाइन प्रोटोकॉल में रखे जाने की सलाह दी गई। जिसके कारण डाक्टर चतुर्वेदी ने प्रशासनिक सीएमएस डा0 राजेश तिवारी को कॉल भेजी। डाक्टर के द्वारा बालक को आईसोलेंशन वार्ड में भर्ती किया गया। बाद में डा0 राजेश तिवारी, डा0 प्रज्ञानंद, डा0 अभिषेक चतुर्वेदी आदि की टीम ने पुनः बालक का परीक्षण कर निष्कर्स निकाला कि बालक को कोरोना वायरस की आशंका नही है। बालक को उपचार के लिये बच्चा वार्ड में भर्ती किया गया। राजेपुर सीएचसी के प्रभारी प्रमित राजपूत ने बताया कि उन्हे नही मालुम कि किसने बालक को कोरोना का संदिग्ध बताकर रेफर किया है। मालुम हो कि लोहिया अस्पताल में 14 आईसोलेशन वार्ड बनाये गये है एक वार्ड में एक ही मरीज रखा जाता है। अपर उपजिलाधिकारी सुनील यादव ने डा0 अभिषेक चतुर्वेदी के साथ आईसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। 2 वार्डो में 2 संदिग्ध मरीज भर्ती है जिनमे बैंक कर्मचारी राकेश तथा शीशमबाग निवासी नेपाल से आया युवक है।