एक बार फिर पुलिस प्रशासन की कोशिश नाकाम
इलाहाबाद।
मंसूर अली पार्क में सीएए एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे धरने के ७० वें दिन एक बार धरना समाप्त करने की प्रशासन की कोशिश फिर नाकाम हो गई।दिन में दो बजे एसपी सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट भारी पुलिस फोर्स के साथ मंसूर अली पार्क पहुँचे तीन घन्टे तक धरना दे रहे लोगों के बीच कोरोना वॉयरस और जनता कर्फ्यू को लेकर धरना
समाप्त करने की कोशिश होती रही।बात बनती भी नज़र आ रही थी की इसी बीच एक इलेकट्रानिक चैनल के प्रतिनिधी के साथ आए युवक ने दूसरे इलाकट्रानिक चैनल के प्रतिनिधी को धक्का दे दिया बात हाँता पाई तक आ गई थोड़ी देर के लिए
अफरा तफरी मच गई।इस बीच पुलिस प्रशासन गो बैक के नारे लगने लगे तो पुलिस बैक फुट पर आ गई।आला अधिकारी पार्क से बाहर आ गए।एक आवास पर बैठ कर सायरा अहमद,अब्दचल्ला तेहामी,फराज़ उसमानी,इसरार
नेयाज़ी और जावेद पम्प के साथ धरना समाप्त करने को वार्ता होती रही इसमे पुलिस के अधिकारीयों दबाव बना कर धरना समाप्त करने को राज़ी कर लिया।सांय ५बजे सायरा ने जैसे ही धरना समाप्त करने का एनाउन्समेन्ट किया धरना दे रही महिलाओं ने विरोध शुरु कर दिया।पुलिस ने अपने संरक्षण में सायरा,फराज़,अब्दुल्ला को भीड़ से बाहर निकाल कर अपने
संरक्षण में कहीं भेज दिया।लेकिन भारी भीड़ सड़कों पर उतर आई।पुलिस और जनता आमने सामने आ गई और पुलिस गो बैक के नारे लगने लगे।समाचार लिखने तक जहाँ पुलिस आलाधिकारीयों के साथ मोर्च सम्भाले हुए हैं वही भीड़ भी डटी हुई है।पुलिस के मंसूर अली पार्क पहुँचने की खबर जैसे जैसे आस पास के मचहल्लों में पहोँचती रही वैसे वैसे भीड़ बढ़ती गई।मंसूर अली पार्क के क्षेत्र की दूकाने भी माहौल के खराब होने पर धड़ा धड़ बन्द हो गई।चौक एरिया की भी दूकाने लोगों ने बन्द कर दीं।माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।मंसूर पार्क के बाहर हज़ारों की संख्या में लोग इकठ्ठा हो कर पचलिस विरोध कर रहे हैं।कुछ लोगों ने जनता कर्फ्यू के बहिष्कार का ऐलान करते हुए पुलिस के आक्रामक रुख इख्तियार करते हुए कहा की अगर पुलिस ने जबरन धरना समाप्त करने की कोशिश की तो हम लोग जनता कर्फ्यू का बहिष्कार करते हुए सड़को पर धरना देंगे।लोगों को शान्त कराने में तमाम राजनितिक दलों के प्रतिनिधी भी मौजूद रहे।इरशाद उल्ला,ज़ीशान रहमानी,सै०मो०अस्करी,मुशीर अहमद,अक़ीलुर्रहमान,सै०मो०शहाब,अफसर महमूद,इफ्तेखार अहमद मंदर,शोऐब अन्सारी,अब्दुल समद,रमीज़ अहसन,कुतुबउद्दीन आदि लोगों को शान्त कराने में लगे रहे।
भवदीय
सै०मो०अस्करी
*रिपोर्ट मोहम्मद साबिर*