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विधायक बोले जमीन खरीददारी में नही किया गया फर्जीवाडा

मेरापुर फर्रूखाबाद।  भाजपा विधायक सुशील शाक्य ने आज साजिश रचने वाले विरोधियों को करारा जबाब दिया है। 



उन्होने अपने आवास पर मीडिया को बताया कि जमीन खरीददारी में फर्जीवाडा नही किया गया है। पत्नी ने 24 मार्च 2005 को ग्राम भोपतपट्टी निवासी सुरेश चन्द्र की 13 डिसमिल जमीन का बैनामा कराया था। सुरेश चन्द्र के साथ ही गांव के सुधीर मोहन कटियार, चकबंदी अधिकारी के 7 अप्रैल 2003 आदेश के तहत गाटा संख्या 203 के भूमिधरी संक्रमणीय मालिक थे।



6 मार्च 2013 को नायब तहसीलदार ने विक्रेता का नाम खारिज कर खरीददार उषा शाक्य का नाम अंकित कर दिया था। इस कार्य में कही भी षडयंत्र एवं अवैधानिक कार्य नही किया गया। सपाईयों ने सत्यनरायण को मोहरा बनाकर उसे अदालत में पेश किया। सत्यनरायण ने गलत तथ्यों के आधार पर मेरी पत्नी सहित 9 लोगों के विरूद्ध झूठा मुकदमा अदालत के आदेश पर दर्ज कराया है। जिससे मेरी व परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का असफल प्रयास किया गया है।


मुकदमे की जांच से सच्चाई सामने आ जायेगी, तब मै षडयंत्रकारियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करूंगा। श्री शाक्य ने सबालों के जबाब में बताया कि यदि पूर्व में इस जमीन में फर्जीबाडा किया गया होगा तो उसकी मुझे कोई जानकारी नही है। कभी भी जांच के दौरान हमसे पूछताछ नही की गई। अब पता चला है कि तहसीलदार ने विवादित जमीन को तालाब घोषित कर दिया है।


सुधीर मोहन कटियार की मौत के बाद उनकी पत्नी व पुत्र शरद कटियार का नाम विरासत में आया है। मुझे आशंका है कि इस मामले में पत्रकार शरद कटियार टारगेट थे। इसी लिये विवाद में मेरी पत्नी का नाम शामिल किया गया है। मुझे तो इस मामले में शरद कटियार का भी उत्पीडन दिख रहा है। जमीन को लेकर राजस्व अभिलेखों में फर्जीवाडा करने वाले दोषी है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, हम धोखेबाजी के शिकार हुये है।


श्री शाक्य ने बताया कि मेरे विरूद्ध षडयंत्र में अधिवक्ता भी शामिल है। जो इस तरह के कई मुकदमे लिखवाने के लिये चर्चित है। उन्होने बताया कि मुझे अखबार में समाचार पढकर घटना की जानकारी हुई। मुझे अभी तक एफआईआर भी पढने को नही मिली है। वार्ता के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता डा0 भूदेव राजपूत मौजूद रहे।


मालुम हो कि कोतवाली पुलिस ने बीते दिनों अदालत के आदेश पर ग्राम भोपतपट्टी निवासी सत्यनरायन की ओर से 9 लोगों के विरूद्ध अपराध संख्या 1060/2010 धारा 147, 148, 149, 452, 323, 504, 506, 420, 467, 468, 471 व 120वी के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। मुकदमे में ग्राम भोपतपट्टी निवासी शरद कटियार, उनकी मां निर्मला देवी, गौरव उर्फ मोनू, रवि, संतराम, किशनलाल, टीकाराम एवं आवास विकास कालोनी निवासी श्रीमती उषा शाक्य पत्नी सुशील शाक्य तथा सातनपुर मंडी के सामने रहने वाले दीपक ठाकुर पुत्र विनोद को भी आरोपी बनाया गया।


रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अभियुक्तों ने खतौनी में फर्जी तरीके से कूट रचना व स्याही को बदलकर दस्तावेजों में कटिंग करके षडंयत्र पूर्वक राजस्व कर्मियों से सांठगांठ कर अपने निजी लाभ के लिये सरकारी भूमि तालाब को अपने नाम करवा लिया। जिसमे उच्च न्यायालय ने 8 मार्च 2019 को राजस्व अधिकारी को कार्रवाई करने का आदेश किया। उपजिलाधिकारी सदर ने 27 जून 2019 को इस मामले में संज्ञान लेते हुये राजस्व कर्मचारियों से जांच करवाकर निर्णय दिया है।


रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी भूमि तालाब आदि सरकारी सम्पत्तियों की श्रेणी नही बदली जा सकती। तहसीलदार सदर ने 29 मई 2019 के द्वारा अवगत कराया कि पुरानी चकबंदी में गाटा संख्या 48/0.31ए0 आकार पत्र 41 में तालाब दर्ज है। आरोप लगाया गया कि शरद कटियार, निर्मला देवी द्वारा राजस्व अधिकारियों के सहयोग से खतौनी के खातो में स्याही को बदलकर अंकित गाटा संख्या को खुर्च कर मिटाया गया व खाते का योग भी खुर्च कर दूसरी स्याही से लिखा गया।


खतौनी अभिलेखालय माल में खतौनी में 1389 लगायत 1394 का उपलब्ध न होना व अभिलेखालय में असिस्टेंट कलेक्टर के वाद संख्या 275/5 मई 64 की पत्रावली का दाखिल होना नही पाया गया। अमलदरामद पूर्णता फर्जी है। प्रश्नगत आराजी पर अंकित समस्त दस्तावेज फर्जी एवं कूटरचित अभिलेखों के आधार पर तैयार किये गये है। अभियुक्तों का यह कृत्य भू-माफिया एवं अपराध की श्रेणी में आता है।


सत्यनरायन ने आरोप लगाया कि 20 नवम्बर 2019 को उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिये प्रार्थना पत्र दिये। जिससे नाराज होकर शरद कटियार व उनके साथियों ने 15 मई 2019 की रात 12 बजे जायज व नाजायज असलाह लेकर मेरे घर में घुस आये और मारपीटकर कहा कि अगर तूने तालाब की भूमि के मामले की कही शिकायत की तो तुझे जान से मार दूंगा। तेरे परिवार को जिंदा जलाकर राख कर दूंगा, अगर बचा तो फर्जी मुकदमा लगवाकर जेल भिजवा दूंगा। इस मुकदमे की जांच आईटीआई चौकी इंचार्ज राजीव कुमार सिंह को सौपी गई है।

ब्यूरो चीफ सोनू राजपूत की रिपोर्ट