गलत जांच रिपोर्ट देने पर पैथालॉजी संचालक की शिकायत सीएससी अधीक्षक मोहित कुमार से की गई,जांच कर कारवाही का दिया आश्वासन।
ऐरवा कटरा
किसी मरीज की गलत जांच रिपोर्ट का क्या असर होता है और उसके परिजन किस हद तक परेशान हो सकते है शायद इसका अंदाजा प्राइवेट पैथालॉजी संचालकों को नहीं है।
ऐसा ही एक मामला ऐरवा कटरा क्षेत्र के उमरैन कस्बे से सामने आया है जहां एक प्राइवेट लैब पर कन्नौज जनपद के सौरिख थानाक्षेत्र के डडौना गांव की रहने वाली एक मरीज आशा देवी जोकि बुखार आने पर ऋषिकांत के साथ जांच कराने आई थी।पैथालॉजी संचालक द्वारा महिला की पच्चीस हजार प्लेटलेट्स की जांच रिपोर्ट थमा दी गई और पैथालॉजी के संचालक द्वारा महिला की हालत सीरियस बताई गई।रिपोर्ट देखकर ऋषिकांत के होश उड़ गए।
ऋषिकांत आनन फानन में आशादेवी को लेकर घर पहुंचे और मरीज को बाहर ले जाने के लिए रुपयों पैसों का इंतजाम करके मरीज को बाहर ले जाने के लिए निकल पड़े इतने में ऋषिकांत के बड़े भाई ने दुबारा जांच कराने का सुझाव दिया और परिजन मरीज को लेकर पुनः उमरैण स्थित राज पैथालॉजी पहुंचे और दुबारा जांच की बात कही तो पैथालॉजी के संचालक भड़क उठे और कहा कि उनकी रिपोर्ट लखनऊ में बैठे डॉक्टर भी फेल नहीं कर सकते।लेकिन परिजनों द्वारा बार बार कहने पर पैथालॉजी संचालक ने दुबारा फीस जमा करने की बात कही।दुबारा फीस जमा करने के बाद उसी पैथालॉजी पर आशादेवी की जांच रिपोर्ट में दो लाख तीस हजार प्लेटलेट्स निकली।इसपर परिजनों ने राहत की सांस ली और संचालक को उसकी गलती से हुई परेशानी की बात कही तो पैथालॉजी संचालक भड़क उठे।परिजनों द्वारा मामले की शिकायत सीएससी अधीक्षक एरवा कटरा से की सीएचसी अधीक्षक में कार्रवाई करने का भरोसा दीया