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छह माह तक नियमित दवा के सेवन से टीबी को दें मात


टीबी के लक्षण नजर आने पर तुरंत कराएं जाँच 


 


दवा के सेवन के साथ पोषक आहार भी जरूरी : डीटीओ 


 


कासगंज 11 फरवरी 2023।


 


देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं| स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार संदेश दिया जा रहा है टीबी के लक्षणों को छिपाएं नहीं बल्कि लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराएं। जाँच की सुविधा जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। जाँच के बाद टीबी की पुष्टि होने पर छह माह तक नियमित दवा का सेवन कर टीबी को मात दी जा सकती है। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अतुल सारस्वत का।


 


 जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि जिले में वर्तमान समय में 1623 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है। 1037 टीबी मरीजों को निक्षय मित्रों ने गोद लिया है। इसके साथ ही टीबी मरीजों को नियमित दवा सेवन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, पोषक आहार प्रदान करते हुए टीबी मरीज का मनोबल बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है। टीबी मरीज़ को निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये भी दिए जा रहे हैं।


 




 


 डॉ. सारस्वत का कहना है कि दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी-बुखार आना, खांसी आते समय सीने में दर्द होना, बलगम में खून आना, कमजोरी एवं थकावट महसूस होना, भूख न लगना, लगातार वजन का कम होना, सोते समय अधिक पसीना आना आदि लक्षण हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जाँच जरूर कराएं। हर माह की 15 तारीख को मनाये जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर भी टीबी की जाँच करायी जा सकती है। जाँच में टीबी की पुष्टि होने पर नियमित दवा सेवन के साथ खानपान का भी ख्याल रखें। भोजन में दालें, अनाज, घी, दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल,अंडा, मछली आदि शामिल करें। इससे दवा पूरा असर करेगी और टीबी से जल्दी मुक्त हो सकेंगे।


 


 


ततारपुर निवासी 27 वर्षीय आसिफ ने बताया किउन्हें एक वर्ष पहले वह क्षय रोग से ग्रसित हो गए थे। लगातार खाँसी, बुखार बलगम आ रहा था। बुखार खाँसी दवा खाते रहे। ज़ब उन्हें कोई आराम न मिला, उसके बाद डॉक्टर ने उन्हें टीबी की जाँच कराने की कहा, वह जिला अस्पताल पहुंचे, जहाँ पर उनकी टीबी की जाँच हुई। जाँच में टीबी की पुष्टि होते ही उनकी दवा शुरू कर दी गयी और बताया गया कि दवा नियमित खाना है, छोड़ना नहीं है यदि दवा बीच में बंद कर दी तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके अलावा खानपान का भी पूरा ख्याल रखना है। इसपर उन्होंने नियमित टीबी की दवा का सेवन किया औऱ छह माह में टीबी को मात दी। वह उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गए। उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये भी मिले।