ग्राम प्रधान बोले गौशाला से तुम्हें पांच हजार रुपए में मिलेगी गाय
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मेरापुर फर्रुखाबाद ।
विकासखंड नवाबगंज एवं थाना मेरापुर क्षेत्र के गांव रूखैया खालिगदादपुर स्थित स्थाई गौशाला से ग्राम प्रधान खुलेआम गायों को बेचने का व्यक्तियों से प्रचार करते हैं।
ग्राम प्रधान अनुपम राजपूत का मानना है । कि हम गायों को
बेच सकते हैं। गौशाला से गाय को बेचना कोई जुर्म नहीं है।
इसी विकासखंड एवं थाना क्षेत्र के गांव खलवारा निवासी कर्मवीर आज गुरुवार को ग्राम प्रधान अनुपम राजपूत के पास गौशाला से गाय लेने के लिए गए थे । तो ग्राम प्रधान अनुपम ने कहा कि हम अपने गौशाला से आप को तुम्हारी मनपसंद
की गाय को हम पांच हजार रुपए में आपको दे देंगे। इससे कम रुपयों में हम आपको गाय नहीं दे पाएंगे। तो कर्मवीर ने ग्राम प्रधान से कहा कि प्रधान जी आप कुछ कम रुपए ले लो और हमें एक मेरी मनपसंद की गौशाला से गाय दे दो तो
प्रधान ने कहा कि मैं मोलभाव नहीं करता हूं मोलभाव करोगे तो मैं तुम्हें न रुपयों से और ना ही लिखा पढ़ी से देंगे।
ग्राम पंचायत रुखैयाखालिगदादपुर के ग्राम प्रधान अनुपम राजपूत ने बताया की गौशाला से गायों को बेचना कोई जुर्म नहीं है। हम अपने गौशाला से गायों को अपनी मर्जी से बेंच सकते हैं।
उक्त प्रकरण के संबंध में जब नवाबगंज विकासखंड अधिकारी कमलेश कुमार कटियार से बात की गई तो उन्होंने बताया की गौशाला से गायों को बेचा नहीं जा सकता है।
रिपोरर्टर ने गौशाला के बाहर से देखा तो गौशाला में गोवंश को पानी पीने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
गोवंश गौशाला के चारों तरफ भरा दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
गौसदन के चारों तरफ चारदीवारी नहीं है। गौ सदन के चारों तरफ जगह जगह पर तार लगे हुए हैं।
जिन्हें फलांग कर गोवंश बाहर निकल जाते हैं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं गौशाला के चारों तरफ खेतों में उगी फसल को गोवंश नष्ट कर देते हैं।
किसान दिन रात अपने खेतों की रखवाली करते हैं।
वहीं गौशाला में भूरे एवं सिंटू गोपालक है।
जो गोवंशों को समय-समय पर चारा नहीं डालते हैं। भूखे तड़पते रहते हैं। गोपालको के गौशाला में ना रहने से कोई भी व्यक्ति गौशाला के अंदर किसी भी समय जा सकता है। और कई व्यक्ति गोपालको की अनुपस्थिति में खुलेआम घूमते भी नजर आए।
गौसदन में चारा भंडारण के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। गौ सदन में एक ही टीन सेट पड़ा है। जिसमें गोवंश सही से रात्रि में विश्राम नहीं कर पाते हैं और रात्रि के समय गोवंश ठंड से ठिठुरते रहते हैं।
गौशाला में गौपालकों की अनुपस्थिति में गोवंश आपस में लड़कर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
जिसका प्रमाण है। कि एक गाय आपस में लड़ने से गंभीर रूप से अंदरूनी चोट लगने से घायल हो गई है। जिसका चलना फिरना भी बंद हो गया है। एक जगह बैठकर जिंदगी की आखिरी सांसें भर रही है।
ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट
मेरापुर फर्रुखाबाद ।
विकासखंड नवाबगंज एवं थाना मेरापुर क्षेत्र के गांव रूखैया खालिगदादपुर स्थित स्थाई गौशाला से ग्राम प्रधान खुलेआम गायों को बेचने का व्यक्तियों से प्रचार करते हैं।
ग्राम प्रधान अनुपम राजपूत का मानना है । कि हम गायों को
बेच सकते हैं। गौशाला से गाय को बेचना कोई जुर्म नहीं है।
इसी विकासखंड एवं थाना क्षेत्र के गांव खलवारा निवासी कर्मवीर आज गुरुवार को ग्राम प्रधान अनुपम राजपूत के पास गौशाला से गाय लेने के लिए गए थे । तो ग्राम प्रधान अनुपम ने कहा कि हम अपने गौशाला से आप को तुम्हारी मनपसंद
की गाय को हम पांच हजार रुपए में आपको दे देंगे। इससे कम रुपयों में हम आपको गाय नहीं दे पाएंगे। तो कर्मवीर ने ग्राम प्रधान से कहा कि प्रधान जी आप कुछ कम रुपए ले लो और हमें एक मेरी मनपसंद की गौशाला से गाय दे दो तो
प्रधान ने कहा कि मैं मोलभाव नहीं करता हूं मोलभाव करोगे तो मैं तुम्हें न रुपयों से और ना ही लिखा पढ़ी से देंगे।
ग्राम पंचायत रुखैयाखालिगदादपुर के ग्राम प्रधान अनुपम राजपूत ने बताया की गौशाला से गायों को बेचना कोई जुर्म नहीं है। हम अपने गौशाला से गायों को अपनी मर्जी से बेंच सकते हैं।
उक्त प्रकरण के संबंध में जब नवाबगंज विकासखंड अधिकारी कमलेश कुमार कटियार से बात की गई तो उन्होंने बताया की गौशाला से गायों को बेचा नहीं जा सकता है।
रिपोरर्टर ने गौशाला के बाहर से देखा तो गौशाला में गोवंश को पानी पीने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
गोवंश गौशाला के चारों तरफ भरा दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
गौसदन के चारों तरफ चारदीवारी नहीं है। गौ सदन के चारों तरफ जगह जगह पर तार लगे हुए हैं।
जिन्हें फलांग कर गोवंश बाहर निकल जाते हैं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं गौशाला के चारों तरफ खेतों में उगी फसल को गोवंश नष्ट कर देते हैं।
किसान दिन रात अपने खेतों की रखवाली करते हैं।
वहीं गौशाला में भूरे एवं सिंटू गोपालक है।
जो गोवंशों को समय-समय पर चारा नहीं डालते हैं। भूखे तड़पते रहते हैं। गोपालको के गौशाला में ना रहने से कोई भी व्यक्ति गौशाला के अंदर किसी भी समय जा सकता है। और कई व्यक्ति गोपालको की अनुपस्थिति में खुलेआम घूमते भी नजर आए।
गौसदन में चारा भंडारण के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। गौ सदन में एक ही टीन सेट पड़ा है। जिसमें गोवंश सही से रात्रि में विश्राम नहीं कर पाते हैं और रात्रि के समय गोवंश ठंड से ठिठुरते रहते हैं।
गौशाला में गौपालकों की अनुपस्थिति में गोवंश आपस में लड़कर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
जिसका प्रमाण है। कि एक गाय आपस में लड़ने से गंभीर रूप से अंदरूनी चोट लगने से घायल हो गई है। जिसका चलना फिरना भी बंद हो गया है। एक जगह बैठकर जिंदगी की आखिरी सांसें भर रही है।
ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट