सही बात को लोगों तक पहुंचना यही उद्देश्य
इस lockdown को अगर 3 मई को खत्म करना है तो आत्म मंथन करो । नही तो अगले साल तक ऐसे ही घर मे पड़े रहोगे।जो फालतू घूम रहे है वो विचार करे उसकी एक गलती कितनी भारी पड़ सकती है।
WHO की रिपोर्ट में रोज कहा जा रहा है कि ये बीमारी अभी और भयानक रूप लेगी।जिनको लगता है " कई नी रे"अमेरिका इटली स्पेन की हालत देख लो,अमेरिका प्रति व्यक्ति आय 50 लाख से ज्यादा हैइंडिया में प्रतिव्यक्ति आय 15 हजार है।अगर खुद इलाज करवाने की नोबत आ गयी तो लेने के देने पड़ जाएंगे।
अभी सरकार इतनी मान-मनोव्वर कर रही है वो इसलिए बुरा हो लेकिन कम बुरा हो।अगर सरकार ने सरेंडर कर दिया तो भागने के लिए जगह नही मिलेगी।स्वस्थ्य कर्मी PP किट जिसकी कीमत 1000 रुपये होती है, कम से कम थोक में -उसे पहन कर भी सुरक्षित नही रह पा रहे है ओर हमारे भाई लोग मुह में रुमाल , गमछा, 5 रुपये वाला मास्क, बिना दस्ताने पहने सड़को पर शक्तिमान बने घूम रहे है।उज्जैन ओर इंदौर के 2 पुलिस कर्मी शहिद हो गए , इसलिए नही की आप बिना बात बाहर आवारागर्दी करते रहो।भाई एक बात अगर समझ मे नही आ रही है तो तेल डाल कर सुन लो कान में " अगर इससे मरे तो जलाने वाला भी नही मिलेगा, ले जाने वाले कि तो बात ही मत करो।
जो बोल रहे है ना कि तेरे भाई ने दवाई ढूंढ ली है, तेरा भाई सब सम्हाल लेगा,तेरा भाई ये कर देगा वो कर देगा,
वो व्यक्ति "सबसे पहले कल्टी मारेगा"डायरी में नोट कर लेना ।ये सेनेटाइजर, मास्क, रुमाल, से बच नही सकते अगर लपेटे में आ गये तो पता भी नही चलेगा "कि किससे ये बीमारी लेली वो भी बिना बताए"पूरा पढ़ने के लिए धन्यवादबाकी तो आप ज्ञानी हो ही।जनहित में जारी ,,अनूप सिंह चौधरी