मध्यप्रदेश शिवराज सरकार के सामने बङी चुनौती वर्षो से विधायकी का भाजपा से ख्वाब देख रहे कट्टर समर्थकों का क्या होगा. भितरघात की संभावना जनता भी नाराज
करैरा शिवपुरी वर्षो से भाजपा के कट्टर समर्थक, पदाधिकारी जो पिछले 10-15 वर्ष से क्षेत्र की जनता के सुख-दुख में टिकिट की आस में साथ दे रहे है आखिर उनका क्या होगा वही भाजपा निष्ठ कार्यकर्ता भी पंजा छाप भाजपाई नेताओं को कार्यकर्ता के रूप में तो पसंद नही कर रहा फिर विधायक के रूप में तो असंभव है, जिसके चलते करैरा विधानसभा में भितरघात की संभावनाएं बढ़ रही है।
जानकारी के अनुसार पिछले 15 वर्षों से भाजपा से करैरा विधानसभा से टिकिट की मांग कर रहे प्रबल दावेदार श्रीमती शशिबाला हरिशंकर परिहार एवं सुभाष जाटव जी सहित अन्य को टिकिट नही मिला लेकिन फिर भी उनकी पार्टी के प्रति आस्था कम नही हुई कारण उन्ही के बीच से भाजपा निष्ठ लोगों को ही टिकिट मिला और आपसी सहमति से सबने मिलकर चुनाव लड़ा वही पिछले दो चुनावों में जिसमे प्रथम चुनाव ओमप्रकाश खटीक जी ने लड़ा एवं दूसरा चुनाव उनके ज्येष्ठ पुत्र राजकुमार खटीक जी ने लड़ा साथ ही पिछले 10 वर्षों से करैरा क्षेत्र में सक्रिय होकर जनता की सेवा कर रहे है। वही पूर्व विधायक रमेश खटीक जी को पिछले चुनाव में टिकिट नही मिलने पर वे सपाक्ष से चुनाव लड़े थे जिसकी वजह से पार्टी को करैरा से हार का सामना करना पड़ा था बाद में पार्टी ने उन्हें मनाकर फिर पार्टी में शामिल कर लिया था। सबसे बड़े सवाल पार्टी नेतृत्व क्या इनको दरकिनार कर कांग्रेस से भाजपा में आये पूर्व विधायक जसवंत जाटव जी को टिकिट देगी..? और यदि टिकिट देगी तो क्या होगा..? यदि पार्टी अपने नेताओं को दरकिनार करती है तो संभवतः पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वही यदि पार्टी जसवंत जी को फिर भी टिकिट देती है तो भितरघात की प्रबल संभावना है वही क्षेत्र की जनता इनके पिछले कार्यकाल से खासी खफा नजर आ रही है। जिसके चलते भाजपा की करैरा विधानसभा से हार होने से भी इंकार नही किया जा सकता प्रदेश नेतृत्व एवं श्रीमंत चाहें तो सर्वे करा लें सब स्पष्ट हो जाएगा।
व्योरो रिपोर्ट सोनी राजपूत