मकान का छज्जा गिरने से मां बेटा घायल निजी अस्पताल में भर्ती
फर्रुखाबाद
नवाबगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव कुतुबुद्दीन पुर निवासी सुमित्रा देवी उम्र 45 वर्ष पत्नी रामदास अपने घर पर कुछ कार्य कर रही थी उसी समय मूसलाधार बारिश होने लगी तो वह अपने बच्चों को लेकर खड़ी हुईं थी
अचानक मकान का छज्जा गिरने से सुमित्रा देवी और उनका बेटा सुनील कुमार उम्र 13 वर्ष मलबे में दब गए जिससे मां बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए वहीं पर उनकी बेटी रूबी का कहना है कि मेरी मम्मी और मेरा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया है वह फतेहगढ़ एक निजी अस्पताल में भर्ती है
वहीं पर कुछ लोगों का कहना है सुमित्रा के एक पैर की हड्डी टूट कर बाहर निकल गई और शरीर में काफी चोटें आई हैं और उनके लड़के सुनील के भी काफी चोटें आईं हैं
बताया है कि उस समय सुमित्रा के पति रामदास घर पर नहीं थे जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर आनन-फानन में अपने बच्चे और पत्नी को पहले नवाबगंज डॉक्टर को दिखाया तो उसके मना करने पर फर्रुखाबाद लेकर चले गए वहां पर उनका इलाज चल रहा है
दैनिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपने बच्चों का पाल पोषण करना भारी पड़ रहा है जिससे घर की मरम्मत न हो पाने के कारण सारा मकान जर्जर खड़ा हुआ है जिससे कभी भी भारी नुकसान भी हो सकता है प्रशासन को ऐसे लोगों की मदद करने के लिए हमेशा अपने हाथों को आगे रखना चाहिए जिससे कि कोई बड़ी घटना घटित ना हो पाए ऐसे गरीब परिवार की मदद करनी चाहिए
नवाबगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव कुतुबुद्दीन पुर निवासी सुमित्रा देवी उम्र 45 वर्ष पत्नी रामदास अपने घर पर कुछ कार्य कर रही थी उसी समय मूसलाधार बारिश होने लगी तो वह अपने बच्चों को लेकर खड़ी हुईं थी
अचानक मकान का छज्जा गिरने से सुमित्रा देवी और उनका बेटा सुनील कुमार उम्र 13 वर्ष मलबे में दब गए जिससे मां बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए वहीं पर उनकी बेटी रूबी का कहना है कि मेरी मम्मी और मेरा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया है वह फतेहगढ़ एक निजी अस्पताल में भर्ती है
वहीं पर कुछ लोगों का कहना है सुमित्रा के एक पैर की हड्डी टूट कर बाहर निकल गई और शरीर में काफी चोटें आई हैं और उनके लड़के सुनील के भी काफी चोटें आईं हैं
बताया है कि उस समय सुमित्रा के पति रामदास घर पर नहीं थे जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर आनन-फानन में अपने बच्चे और पत्नी को पहले नवाबगंज डॉक्टर को दिखाया तो उसके मना करने पर फर्रुखाबाद लेकर चले गए वहां पर उनका इलाज चल रहा है
दैनिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपने बच्चों का पाल पोषण करना भारी पड़ रहा है जिससे घर की मरम्मत न हो पाने के कारण सारा मकान जर्जर खड़ा हुआ है जिससे कभी भी भारी नुकसान भी हो सकता है प्रशासन को ऐसे लोगों की मदद करने के लिए हमेशा अपने हाथों को आगे रखना चाहिए जिससे कि कोई बड़ी घटना घटित ना हो पाए ऐसे गरीब परिवार की मदद करनी चाहिए