तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार से बात करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का किया गठन
नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार से बात करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह समिति केंद्र सरकार से बात करने के लिए एक अधिकृत निकाय होगी।
बताते चलें कि इस बैठक में प्रदर्शनकारी किसानों की लंबित पड़ी मांगों पर भी विचार किया गया। इनमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेना, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देना शामिल हैं। वहीं, एसकेएम कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने बैठक से पहले कहा था कि केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक आश्वासन नहीं मिलने के कारण किसान अपनी लंबित मांगों के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं।
श्रीपाल ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में आंदोलन को वापस लेने के लिए 6 प्रमुख मांगें उठाई गईं थीं मगर सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। ऐसे में किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, शाहजहांपुर, टीकरी और गाजीपुर) पर एक साल से चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन अभी खत्म नहीं होगा।
ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट