तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर सलीम का गुर्गा छपवा रहा था जाली नोट, पुलिस ने किया गिरफ्तार
तिहाड़ जेल में बंद सीरियल किलर सलीम के इशारे पर नकली नोट छापे जा रहे थे। जाली नोटों की बिक्री से मिलने वाली रुपयों में सलीम का भी हिस्सा होता था। यह दावा तालकटोरा पुलिस की गिरफ्तार में आए फरहान खान ने किया है। जो जनवरी से फरार था।
इंस्पेक्टर तालकटोरा राकेश कुमार के मुताबिक 11 जनवरी को आलमनगर पुल के पास से जीआरपी सिपाही राहुल सरोज, हसनगंज निवासी सलमान, बिहार निवासी मुबस्सिर, मो. अरबाज और शावेज खान को गिरफ्तार किया था। यह सभी लोग 500 से लेकर 50 रुपये तक के जाली नोट छापने और उसे बाजार में चलाने के आरोप में पकड़े गए थे।
पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह से जुड़े सदस्यों के नाम बताए थे। जिनमें मूलत: सीतापुर कजियारा चौराहा निवासी फरहान खान भी शामिल था। आरोपी के मुताबिक 11 जनवरी को पुलिस के छापेमारी के दौरान वह फरार हो गया था। बीते काफी वक्त से वह बिहार में पहचान छिपा कर रह रहा था, लेकिन रुपये खत्म होने के कारण उसे लखनऊ आना पड़ा था। फरहान के मुताबिक वह मुख्य तौर पर तिहाड़ जेल में बंद सलीम, उसके भाई रुस्तम और सोहराब के गैंग से जुड़ा है। उनके इशारे पर जमीन कब्जाने से लेकर फिरौती वसूलने तक का काम वह लंबे वक्त से कर रहा था।
इस बीच सलीम से मुलाकात होने पर उसने नकली नोट छापने के लिए कहा था। उसी के जरिए सलमान व अन्य लोगों से फरहान की पहचान हुई थी। आका सलीम के इशारे पर ही फरहान ने सलमान को किराए पर कमरा दिलाया था। जहां से नकली नोट छापने का काम किया जाता था। जीआरपी सिपाही राहुल के जरिए नोटों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता था। सिपाही के वर्दी में होने की वजह से पकड़े जाने का डर न के बराबर होता था।