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दिल्ली सीवर हादसा: जहरीली गैस, बिजली के तार बने मौत का कारण

 दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में सीवर हादसे के दौरान जान गंवाने वाले चारों शख्स को बचाने के लिए पहले दमकल, फिर गोताखोरों की टीम ने सीवर में घुसने की कोशिश की थी। लेकिन, जहरीली गैस, बिजली के तार और संकरे रास्ते से बचाव कार्य में देरी हुई। 


पुलिस के अनुसार, मामले में ठेकेदार फर्म की लापरवाही सामने आई है। अगर फर्म की ओर से सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता तो चारों की जान बच सकती थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीवर का ढक्कन खोलकर गैस निकाली जाती है। फिर इसमें उतरने वालों को ऑक्सीजन सिलेंडर, दस्ताने और विशेष तरह के सूट दिए जाते हैं। लेकिन, मुनाफे के लालच में ऐसा नहीं किया गया।

मदद को तैयार रहता था सतीश

ई-रिक्शा चालक सतीश ने बच्चू, पिंटू और सूरज साहनी को बचाने के चक्कर में अपनी जान गंवा दी। सतीश के घर में पत्नी नेहा, तीन बेटियां और बुजुर्ग मां गोती देवी हैं। तीनों बेटियों में सबसे बड़ी तिशा 14, कृतिका आठ और अर्वी तीन साल की है। पूरा परिवार किराए के मकान में रहता है। दूर के रिश्तेदार मनोज ने बताया कि सतीश हमेशा सबकी मदद के लिए तैयार रहता था। उन्होंने याद करते हुए कहा कि दो साल पहले उनकी पत्नी की कैंसर से मौत हो गई थी तो सतीश ने उनके पूरे घर को संभाला था।