निर्माण का पैसा दूसरी जगह लगाकर अटका दिया दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे निर्माण के नाम पर पैसा उठाकर दूसरे प्रोजेक्ट में ले जाने के मामले में संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि मार्च के अंत तक कंपनी को ब्लैक लिस्ट की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। साथ में बैंक गारंटी भी जब्त हो सकती है। वहीं दूसरी निर्माण एजेंसी नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर भी एनएचएआई मुख्यालय में मंथन शुरू हो गया है। पहले कोशिश रहेगी कि टेंडर प्रक्रिया में होने वाली बाकी कंपनियों को मौका दिया जाएगा। अगर उनके साथ सहमति नहीं बनती है तो फिर टेंडर की प्रक्रिया को नए सिरे से किया जाएगा।
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण में सड़क निर्माण के लिए निजी कंपनी को बीते वर्ष जनवरी में करीब 1350 करोड़ की लागत का वर्क ऑर्डर जारी किया गया। उसके बाद कंपनी ने लोनी बॉर्डर से बागपत (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे) तक निर्माण भी शुरू किया, जिसे देखते हुए एनएचएआई ने 65 करोड़ रुपया का पहली किस्त के तौर पर अग्रिम भुगतान भी किया। लेकिन उसके बाद कंपनी ने आगे कोई काम नहीं किया। इसको लेकर कंपनी के साथ तमाम स्तर पर पत्राचार और समीक्षा बैठक भी हुईं, जिसमें कंपनी के अधिकारी जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करने का भरोसा भी दिया।