शराब कारोबारियों के साथ विवाद में सरकार ने लिया बड़ा फैसला*
जिला भूपाल मध्य प्रदेश
भोपाल। लंबे वक्त से जारी शराब कारोबारियों के साथ विवाद में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार रविवार से प्रदेश में शराब की दुकानें चलाएगी। अधिक बिक्री वाली दुकानें कल से खोली जाएंगी। आबकारी विभाग ने सरकार से होमगार्ड जवानों की मांग की है।
*सरेंडर आवेदन पर आज होगा फैसला*
सरकार का विरोध करने वाले शराब कारोबारियों की दुकानों के सरेंडर आवेदन पर आबकारी महकमा आज फैसला लेगा। ठेकेदारों को ठेका समाप्ति के नोटिस सौंपे जाएंगे। आपको बता दें कि नई शराब नीति के खिलाफ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, देवास, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा जैसे कई जिलों में शराब ठेकेदारों ने अपने ठेके सरेंडर किए हैं।
*नए ठेकेदारों को सौंपी जाएंगी दुकानें*
सरकार ने विरोध को देखते हुए नए ठेकेदारों को दुकानें सौंपने का फैसला लिया है। ये प्रक्रिया एक हफ्ते में पूरी हो जाएगी। कुछ जिलों में जहां पुराने ठेकेदार दुकानें चलाने को राज़ी हैं। सरकार उन्हें अनुमति देगी।
*हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला*
गौरतलब है कि जबलपुर हाईकोर्ट ने ठेकेदारों से विवाद में सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने शराब कारोबारियों को सख्त लहजे में कहा था कि सरकार की नीतियों के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं तो दुकान सरेंडर कर दें।
हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक सभी शराब कारोबारियों को सरकार की नीतियों के हिसाब से काम करना होगा। अगर कोई कारोबारी इसका उल्लघंन करता पाया गया तो उसे अपनी दुकान सरेंडर करनी होगी।
व्योरो रिपोर्ट सोनी राजपूत मध्यप्रदेश
भोपाल। लंबे वक्त से जारी शराब कारोबारियों के साथ विवाद में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार रविवार से प्रदेश में शराब की दुकानें चलाएगी। अधिक बिक्री वाली दुकानें कल से खोली जाएंगी। आबकारी विभाग ने सरकार से होमगार्ड जवानों की मांग की है।
*सरेंडर आवेदन पर आज होगा फैसला*
सरकार का विरोध करने वाले शराब कारोबारियों की दुकानों के सरेंडर आवेदन पर आबकारी महकमा आज फैसला लेगा। ठेकेदारों को ठेका समाप्ति के नोटिस सौंपे जाएंगे। आपको बता दें कि नई शराब नीति के खिलाफ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, देवास, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा जैसे कई जिलों में शराब ठेकेदारों ने अपने ठेके सरेंडर किए हैं।
*नए ठेकेदारों को सौंपी जाएंगी दुकानें*
सरकार ने विरोध को देखते हुए नए ठेकेदारों को दुकानें सौंपने का फैसला लिया है। ये प्रक्रिया एक हफ्ते में पूरी हो जाएगी। कुछ जिलों में जहां पुराने ठेकेदार दुकानें चलाने को राज़ी हैं। सरकार उन्हें अनुमति देगी।
*हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला*
गौरतलब है कि जबलपुर हाईकोर्ट ने ठेकेदारों से विवाद में सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने शराब कारोबारियों को सख्त लहजे में कहा था कि सरकार की नीतियों के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं तो दुकान सरेंडर कर दें।
हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक सभी शराब कारोबारियों को सरकार की नीतियों के हिसाब से काम करना होगा। अगर कोई कारोबारी इसका उल्लघंन करता पाया गया तो उसे अपनी दुकान सरेंडर करनी होगी।
व्योरो रिपोर्ट सोनी राजपूत मध्यप्रदेश