योगी-अखिलेश आज मिल कर 'ढूंढेंगे' सतीश महाना को, जानिए सदन में वर्षों से निभाई जा रही कौन सी ब्रिटिश परंपरा
सतीश महाना के विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर बैठने से पहले सदन में एक पुरानी रस्म भी निभाई जाएगी। इसमें अध्यक्ष को ढूंढ कर अध्यक्ष आसन तक लाया जाएगा। यह ब्रिटिश परंपरा बरसों से सदन में निभाई जा रही है।
सदन में सतीश महाना सदन में ऐसी जगह बैठेंगे जहां से वह आसानी से नजर न आएं। पहले नेता सदन योगी आदित्यनाथ व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सतीश महाना को सदन में ढूंढेंगे। दोनों लोग उन्हें ढूंढते हुए महाना तक जाएंगे और वहां से उन्हें अध्यक्ष आसन की ओर चलने का अनुरोध करेंगे। सतीश महाना के एक ओर योगी आदित्यनाथ तो दूसरी ओर अखिलेश यादव होंगे और उन्हें अध्यक्ष आसन तक लाएंगे और उन्हें वहीं बिठाएंगे। इस तरह अध्यक्ष आसन पर वह पदासीन हो जाएंगे। अध्यक्ष चुने जाने के बाद सतीश महाना समूचे सदन के हो जाएंगे। उनके लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष बराबर होगा। अध्यक्ष समान रूप से सदन के सभी सदस्यों के अधिकारों का संरक्षण करता है। असल में यह ब्रिटिश परंपरा है, जिसे यहां भी निभाया जाता है। माना जा रहा है कि सतीश महाना के मौजूदा सियासत व विपक्ष के संख्या बल को देखते हुए सदन संचालन चुनौती पूर्ण होगा। पर महाना का विपक्षी खेमे में भी काफी सम्मान है और अखिलेश यादव ने उन्हें जिस तरह सम्मान दिया। उससे उन्हें सदन संचालन में ज्यादा दिक्कतें न आने की उम्मीद है।