नकल में मुन्नाभाई का भी बाप निकला ये बच्चा, एग्जाम पास करने का निकाला हाईटेक तरीका
वो दौर खत्म हो गया जब परीक्षा में नकल के लिए बच्चे पर्ची बनाकर लाया करते थे। परीक्षा में नकल करने के लिए भी किताब से पर्ची पर छोटा-छोटा लिखने की मेहनत करनी पड़ती थी। फिर एक दौर आया फोटो कॉपी का जिसे जीरो कॉपी कहते थे।
इसमें मेहनत नहीं लगती थी बस कुछ रुपये खर्च होते थे और फोटो कॉपी मशीन सवाल का जवाब छोटे-छोटे अक्षरों में करके दे दिया करती थी। अब समय डिजिटल का है तो नकल भी डिजिटल हो गई है। पहले की तरह नहीं कि नकल की पर्ची वाला सवाल पेपर में आ गया तो ठीक वर्ना बेकार। अब तो परीक्षा देते हुए कोई माइक्रोफोन लगा रहा है तो कोई व्हाट्सएप पर सवालों के जवाब मंगवा रहा है। जो नकल का किस्सा बड़ा ही अदभुत हो गया है वो इन सबसे भी ऊपर की चीज है।