कटघरे में नजर आ रही दिल्ली पुलिस, जहांगीरपुरी हिंसा पर कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा के आठ आरोपियों को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। वहीं, अदालत ने दिल्ली पुलिस के रवैये पर भी सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि इस दंगे की घटना में पुलिस ही कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। जिस जुलूस के दौरान यह दंगा हुआ उसे निकालने के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, लेकिन बावजूद इसके पुलिस इस तीसरे जुलूस के साथ चल रही थी।
रोहिणी स्थित विशेष न्यायाधीश गगनदीप सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस की एफआईआर ही बता रही है कि स्थानीय पुलिस जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर राजीव रंजन कर रहे थे। साथ ही पुलिस उपायुक्त (रिजर्व) खुद बगैर अनुमति लिए निकाले जा रहे इस जुलूस को रोकने की बजाय इसके साथ सुरक्षा देते हुए चल रहे थे, जबकि उनका कर्तव्य था कि बगैर इजाजत लिए अवैध जुलूस को निकालने की जानकारी मिलते ही उसे वहीं रोक देना चाहिए था। साथ ही भीड़ को भी वहां से हटा दिया जाना चाहिए था, जिससे इस घटना से बचा जा सकता था।