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टीबी के लक्षण नजर आएं तो जाँच जरूर कराएं : डीटीओ

 


नियमित दवा सेवन के साथ पोषक आहार भी जरूर लें


कासगंज, 20 जनवरी 2023।


 देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए जरूरी है कि टीबी के लक्षणों को छिपाएं नहीं बल्कि लक्षण नजर आएं तो तुरंत जांच जरूर कराएं। जाँच की सुविधा स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है।  यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अतुल सारस्वत का।


डॉ. सारस्वत का कहना है कि जिले में इस समय 2017 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिले में अब तक निक्षय मित्र द्वारा कुल 1889 टीबी मरीज़ गोद लिए गए है। इस माह 234 मरीज गोद लिए गए हैं। इसके साथ ही टीबी मरीजों को नियमित दवा सेवन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, पोषक आहार प्रदान करते हुए मनोबल बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये भी दिए जा रहे हैं।





 डॉ. सारस्वत का कहना है कि दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी-बुखार आना, खांसी आते समय सीने में दर्द होना, बलगम में खून आना, कमजोरी एवं थकावट महसूस होना, भूख न लगना, लगातार वजन का कम होना, सोते समय अधिक पसीना आना आदि लक्षण हों तो टीबी की जाँच जरूर कराएं। हर माह की 15 तारीख को मनाये जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर भी टीबी की जाँच करायी जा सकती है। जाँच में टीबी की पुष्टि होने पर नियमित दवा सेवन के साथ खानपान का भी ख्याल रखें। भोजन में दालें, अनाज, घी, दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल,अंडा, मछली आदि शामिल करें। इससे दवा पूरा असर करेगी और टीबी से जल्दी मुक्त हो सकेंगे।



             बही सोरों निवासी  25 वर्षीय खेमकरण (काल्पनिक नाम) का कहना है कि डेढ़ वर्ष पहले वह क्षय रोग से ग्रसित हो गए थे। लगातार खाँसी, बुखार आ रहा था तो डाक्टर ने टीबी की जाँच कराने के लिए कहा, लेकिन जाँच न कराकर वह इधर-उधर से दवा लेकर खाते रहे। कोई आराम न मिलने पर जिला अस्पताल पहुंचे, जहाँ पर उनकी टीबी की जाँच हुई। जाँच में टीबी की पुष्टि होते ही उनकी दवा शुरू कर दी गयी और यह भी बताया गया कि इसे नियमित खाना है । दवा बीच में बंद करने से स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके अलावा खानपान का भी पूरा ख्याल रखना है। खानपान के लिए इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये भी मिले, जिससे वह छह माह के इलाज में पूरी तरह स्वस्थ हो गए।