रेलवे का निजीकरण देश व जनमत के साथ धोखा - - - लालबाबू राम
समस्तीपुर बिहार ।
राष्ट्रीय जनता दल ने रेलवे के निजीकरण का एक बार फिर से विरोध किया है l सकरा से आरजेडी के विधायक लालबाबू राम ने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से रेलवे को धीरे-धीरे पीपीपी मोड में ले जाना दुखद है l
उन्होने रेलवे की खस्ताहाल स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि कभी भारतीय रेलवे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हुआ करती थी लेकिन आज सरकार की गलत नीतियों के कारण यह बदहाली का शिकार हो रही है l राजद विधायक ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों को निजी हाथों में देने का निर्णय किया गया है। इस तरह रेलवे का निजीकरण करने की शुरूआत हो गई है। इसके आलवा भारतीय रेल के सभी प्रोडक्शन यूनिट को निजीकरण के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया है। श्री लालबाबू राम ने कहा कि भारतीय रेल में निजीकरण कर संचालन का कार्य बाहरी उद्योगपतियों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नियत में खोट है , क्योंकि रेलवे का निजीकरण व निगमीकरण कर रेल कर्मचारियों और आम जनता पर चोट करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे का निजीकरण होगा तो शिक्षित युवा जो नई भर्ती के माध्यम से रेलवे में भर्ती होंगे उन्हें भी 10 से 12 हजार तक ही भुगतान होगा। कंपनी की ओर से किसी भी प्रकार का विशेष आरक्षण नहीं दिया जाएगा। राजद विधायक ने कहा कि रेल के निजीकरण से जहां एक ओर रेल कर्मचारियों का भविष्य का खतरा है। वहीं रेल सुविधाएं महंगी होगी। श्रम और श्रमिकों का शोषण होगा। रेल कि कीमती भूमि पर देश के कुछ चुनिदां पुजीपतियों का कब्जा होगा। यह रेल राष्ट्रीय संपति नहीं होकर वो दिन दूर नही है जब पूंजीपतियों कि हो जाएगी। इसलिए निजीकरण का विरोध हर स्तर पर होना चाहिए। रेलवे का निजीकरण देश के साथ धोखा है, जनमत के साथ धोखा है l आरजेडी विधायक लालबाबू राम ने कहा कि रेलवे को उसके पुराने स्वरूप में ही बनाए रखना जनहित व राष्ट्रहित में होगा l
समस्तीपुर से अब्दुल कादिर की रिपोर्ट