पांडिचेरी और हैदराबाद पुस्तक मेलों में फालुन दाफा अभ्यास का परिचय
भारत में लोग सर्दियों के मौसम में पुस्तक मेलों और प्रदर्शनियों में जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी भारत में कोविड प्रतिबंधों के कारण बहुत कम प्रदर्शनियों का आयोजन हुआ। हालांकि, पांडिचेरी और हैदराबाद इसके अपवाद रहे, जहां कोविड सावधानियों का ध्यान रखते हुए पुस्तक मेलों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के फालुन दाफा अभ्यासियों ने इन मेलों में भाग लिया और लोगों को इस अनोखे आध्यात्मिक अभ्यास से अवगत किया।
फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग के नाम से भी जाना जाता है) एक प्राचीन साधना अभ्यास है जिसमें पांच सौम्य व्यायाम सिखाये जाते हैं जिसमें ध्यान भी शामिल है। फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया। आज, 100 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां 20 जुलाई 1999 से इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है।
पांडिचेरी - 25 वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला
पांडिचेरी पुस्तक मेले का उद्घाटन 17 दिसंबर को पांडिचेरी के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। इस पुस्तक मेले में विभिन्न शहरों के फालुन दाफा अभ्यासियों ने भाग लिया। उन्होंने उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री को तमिल भाषा में फालुन दाफा की पुस्तकें (फालुन गोंग और ज़ुआन फालुन) भेंट कीं। अभ्यासियों ने स्थानीय स्कूलों में फालुन दाफा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का अनुरोध पत्र भी प्रस्तुत किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहर्ष हस्ताक्षर कर शिक्षा मंत्री को कार्यवाही हेतु भेज दिया।
बड़ी संख्या में लोगों ने फालुन दाफा स्टाल का दौरा किया। पुस्तक मेले के दौरान, अभ्यासियों ने नियमित रूप से फालुन दाफा के पांच व्यायामों का प्रदर्शन किया, और अभ्यास के बारे में सूचना पत्रक वितरित किए। अभ्यासियों ने लोगों को कागज के कमल पुष्प भी बांटे। कई आगंतुकों ने फालुन दाफा अभ्यासों को सीखने में रुचि व्यक्त की और यह सुनकर आश्चर्य किया कि अभ्यासी हमेशा व्यायामों को पूरी तरह से निःशुल्क सिखाते हैं।
पांडिचेरी पुस्तक मेले के सिल्वर जुबली समारोह में पांडिचेरी की उप-राज्यपाल द्वारा फालुन दाफा स्टॉल को “बुक सेवा रत्ना” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हैदराबाद पुस्तक मेला
इस वर्ष दिसम्बर में पुस्तक मेले का आयोजन हैदराबाद में भी किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने फालुन दाफा स्टाल का दौरा किया और अभ्यास सीखने की इच्छा दिखाई। अनेक लोगों ने फालुन दाफा के तेलुगु परिचय पत्र लिए और पुस्तकें खरीदीं. भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री एन वी रमना ने भी पुस्तक मेले का दौरा किया। अभ्यासियों ने उन्हें परिचय पत्र दिया और फालुन दाफा के सिद्धांतो – सत्य, करुणा और सहनशीलता के बारे में अवगत कराया।
भारतीय फालुन दाफा अभ्यासी निस्वार्थ रूप से देश भर में इस अनोखे अभ्यास का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। फालुन दाफा लोगों को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने, उनके मन को शांत करने और जीवन में सही राह दिखाने में मदद कर रहा है। यदि आप यह अभ्यास सीखने के इच्छुक हैं, तो www.LearnFG.in पर नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। इस अभ्यास के बारे में अधिक जानकारी आप www.falundafa.org पर देख सकते हैं।