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लगातार चक्कर आए व सिरदर्द हो तो टीबी की जाँच कराएँ


 लक्षण नजर आने कर तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच कराएं  


  कासगंज, 21फरवरी 2023।


 आवास विकास निवासी 14 वर्षीया वंशिका के पिता जयप्रकाश बताते हैं कि बेटी को लगातार बुखार रहता था | डॉक्टर को दिखाकर बुखार की दवा खिलाने पर भी बुखार नहीं उतरा। नौ अगस्त की रात अचानक वंशिका  को दौरा पड़ा औऱ वह बेहोश हो गई, डॉक्टर को दिखाने पर भी वह होश में नहीं आई | डॉक्टर ने उसे अलीगढ़ रेफर कर दिया, वहाँ डॉक्टर ने एमआरआई कराया,  जाँच रिपोर्ट आने पर पता चला कि दिमाग़ में सूजन व छोटी - छोटी गांठे हैं, उपचार तो शुरू हो गया लेकिन आराम न मिलने पर डॉक्टर ने जीबी पन्त हास्पिटल, दिल्ली में रेफर किया। वहाँ डॉक्टर ने रिपोर्ट देखकर बताया कि उनकी बेटी को दिमागी टीबी है, डॉक्टर ने कहा कि टीबी का इलाज वह कासगंज जिले में टीबी अस्पताल में कराएं, उसके बाद वह टीबी अस्पताल पहुँचे वहाँ उनकी जाँच रिपोर्ट देखकर तुरंत उपचार शुरू कर दिया। लगभग एक माह से उनकी बेटी का टीबी का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। 




जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अतुल सारस्वत ने बताया कि किशोरी का डेढ़ से दो वर्ष तक नियमित उपचार चलाया जाएगा, साथ ही उसे दिमाग़ पर ज़्यादा जोर नहीं डालना है, मोबाइल, टीबी ज़्यादा नहीं देखना है , तनाव भी नहीं लेना आदि के बारे में बताया गया है।



जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। समय से जाँच और उपचार से यह पूरी तरह से ठीक हो सकती है। उन्होंने कहा कि टीबी रोग सिर्फ़ फेफड़ों में होने वाली बीमारी नहीं है, यह बाल और नाख़ून को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है| इनमें से ही एक दिमाग़ की टीबी भी है, जिसमें टीबी के बैक्टीरिया सीधा दिमाग़ पर हमला करते हैं, दिमाग की टीबी एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से नहीं फैलती लेकिन जब फेफड़ों की टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता है तो उसके मुंह से निकली बूंदे दूसरे व्यक्ति के अंदर प्रवेश कर जाती हैं। यह बूंदे यदि दिमाग में प्रवेश कर जाती है तो व्यक्ति के दिमाग में टीबी होने की संभावना होती है। दिमाग की झिल्लियों में सूजन या गांठ पड़ जाती है|


 क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दिमागी टीबी के मरीजों को शुरुआत में सुबह उठकर चक्कर या उल्टी का एहसास, हमेशा सिर दर्द बने रहना लक्षण होते हैं| यह किसी भी उम्र के व्यक्ति व बच्चों में विकसित हो जाती है। इसलिए जैसे ही मरीज को दिमागी टीबी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।दिमागी टीबी का पता एक्सरे, एमआरआई, सिटी स्कैन, सीबी नेट और सीएसए जांच से लगाया जा सकता है|


क्षय रोग जिला समन्वयक धर्मेंद्र यादव ने बताया कि जिले में दिमागी टीबी के कुल 5 मरीज़ थे, जिसमें 2 ठीक हो चुके हैं 3 मरीजों का उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि मरीज़ को उपचार के दौरान सही पोषण के लिए हर माह 500 रूपये सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं |


दिमागी टीबी के लक्षण


इस के लक्षण धीरे धीरे पता चलते है। जो हफ्ते दर हफ्ते गंभीर होते जाते हैं। शुरू में दिमागी टीबी के  लक्षण सामान्य लगते हैं, जिन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।


बेहोशी


चक्कर आना


लगातार सिर दर्द रहना


थकान कमजोरी महसूस होना


हल्का फीवर रहना


उल्टी होना


 बीमारी बढ़ने पर गर्दन में अकड़न


 उलझन महसूस होना


अधिक गुस्सा करना