विश्व लिवर दिवस (19 अप्रैल) पर विशेष
डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर की जड़ है फैटी लिवर
रोज़ाना ओपीडी में 20 से 25 लिवर सम्बन्धी समस्या के मरीज आते हैं
कासगंज, 18 अप्रैल 2023।
विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल को देश भर में मनाया जाता है। इसमें लोगों को लिवर से सम्बंधित समस्याओ और निदान के बारे में जागरुक किया जाता है। शराब और बाहरी खाना खाने से फैटी लिवर की समस्या बढ़ जाती हैं। जिससे डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या बढ़ती है, यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद का|
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि खराब जीवनशैली और खान-पान का असर सीधे लीवर पर पड़ता है। लिवर में बढ़ी अतिरिक्त चर्बी को फैटी लिवर कहते हैं| समय रहते फैटी लीवर इलाज न कराया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को पहचाने जैसे हल्का पेट दर्द, या पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन हो जाना, पेट भरा हुआ लगना, मितली लगना, कमज़ोरी होना, वजन अधिक कम या ज़्यादा होना, त्वचा का पीला होना आदि|
सयुंक्त जिला अस्पताल वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. आनंद स्वरूप ने बताया कि जिला अस्पताल में रोज़ाना 20 से 25 लिवर सम्बन्धी समस्याओं को लेकर मरीजों ओपीडी में आते हैं। मोटापा, डायबिटीज, थाइरायड, हाई ब्लडप्रेशर, अधिक कोलेस्ट्राल, ज़्यादा धूम्रपान एवं ज्यादा शराब के सेवन से भी फैटी लीवर का खतरा रहता है। इससे हेपाटाइटिस का भी डर रहता है, जिससे बचाव के लिए हेपाटाइटिस-बी टीकाकरण किया जाता है। फैटी लीवर से बचाव के लिए वजन को कण्ट्रोल में रखना चाहिए, अच्छा पोषण युक्त भोजन लें। रोज़ाना व्यायाम करें, व सुबह शाम टहलने की कोशिश करें।
मोटापे पर नियंत्रण रखकर और अल्कोहल का सेवन बंद कर बहुत हद तक लिवर संबंधी बीमारी से दूर रहा जा सकता है। मोटापा बढ़ने पर लिवर का अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। फैटी लिवर होने पर एहतियात के साथ-साथ जरूरी दवाओं का सेवन करना चाहिए।
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यह होते हैं लक्षण
-भूख न लगना
-मितली होना
-पेट में भारीपन रहना
-कमज़ोरी
-शुष्क त्वचा
-आँखों और त्वचा का रंग पीला होना
-वजन कम या ज़्यादा होना
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यह हैं बचाव
-प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें
-तनाव कम करने के लिए योग व व्यायाम करें
-शराब व धूम्रपान से बचें
-मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाने से बचें
-समय पर टीकाकरण कराएं