कार्तिक कौमुदी महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का किया गया स्वागत
मेरापुर फर्रुखाबाद । भदंत विजय सोम थैरो इंटर कॉलेज संकिसा के प्रांगण में कार्तिक पूर्णिमा कौमुदी महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में बौद्ध उपासकों ने मुख्य अतिथि अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य जी का फूल मालाओं व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कौमुदी महोत्सव के आयोजन में भिक्षु संघ ने 11:00 बजे भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने मोमबत्ती अगरबत्ती जलाकर पूजा वंदना कर परित्राण पाठ किया गया।
12:00 बजे इंजीनियर देवेंद्र कुमार शाक्य ने भिक्षुगणों व उपासकों को भोजन दान कराया।
आयोजन प्रांगण में शाम तीन बजे पंहुचे मुख्य अतिथि अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य का आयोजक सुनील कुमार शाक्य , सत्यवान शाक्य, इंजीनियर देवेंद्र कुमार शाक्य ,ललित शाक्य , महेशसिंह शाक्य , श्यामसिंह शाक्य , सूरजशाक्य ने फूल माला पहनाकर व होरीलाल शाक्य आदि ने शाल ओढाकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि पंचशील का ध्यान से पालन करना चाहिए
और बोले की मैं शाक्य वंश व भगवान बुद्ध के वंश में पैदा हुआ हूं। इस धर्म व परम्मपराओं से मुझे स्नेह है। पाली भाषा भगवान बुद्ध के समय में इस देश की प्रमुख भाषा रही होगी। जन-जन की भाषा रही होगी और इसमें जो साहित्य लिखा गया है या भगवान बुद्ध के उपदेश लिखे गए हैं वह पाली भाषा में लिखे गए हैं।
ढाई हजार वर्ष का कार्यकाल बहुत लंबा कार्यकाल होता है बहुत सी भाषाएं आई और चली गई लेकिन अपने अपने प्रदेश में हर प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा प्रभावी है हिंदी का प्रभाव पूरे देश में है आमजन इस देश में रहने वाला चाहे वह पंजाब का हो चाहे बिहार का हो चाहे बंगाल का हो चाहे कर्नाटक का हो चाहे जम्मू कश्मीर का हो सारे प्रदेशों में हिंदी जन भाषा है।
लेकिन दुर्भाग्यवश अपने हिंदू धर्म में भी सारा साहित्य संस्कृत में है बौद्ध धर्म में सारा साहित्य पाली भाषा में है जो संस्कार बौद्ध पद्धति से करते हैं वह पाली भाषा में करते हैं पंचशील ग्रहण करते हैं वह पाली भाषा में ग्रहण करते हैं।
लेकिन आमजन को उसका अर्थ मालूम नहीं है।
इसलिए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बौद्ध धर्म के संस्कार जो पाली भाषा में दिए जाते हैं वह हिंदी में दिये जायें तो आमजन उपासिकों के समझ में आएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट