मेट्रो स्टेशन पर पीएसडी दरवाजे लगाने से घटे आत्महत्या के केस, सुरक्षाकर्मियों की तैनाती से भी सफलता मिली
दिल्ली की लाइफलाइन बन चुकी मेट्रो पहले से ज्यादा सुरक्षित होती जा रही है। मेट्रो प्रबंधन की सतर्कता और एहतियात के चलते मेट्रो ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या करने के मामलों में भी कमी आई है। मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि पीएसडी गेट और ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के चलते मेट्रो के सामने कूदने वाले लोगों को समय रहते ही बचाया जा रहा है।
मेट्रो स्टेशन पर लोगों के आत्महत्या करने के मामलों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014 से 2018 के बीच चार साल में 80 लोगों ने ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या की थी। जनवरी 2018 से लेकर मई 2019 में 25 लोगों ने मेट्रो के सामने कूदकर अपनी जान दी।