425 गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच, 11 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था में पाई गई
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस
जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस शुक्रवार को मनाया गया । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरों सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिलाओं की जांच कर दवाएं दी गई। यहां पर 425 गर्भवती की प्रसव देखभाल (एएनसी) जांच की गई। उन सभी 11 महिलाओं को एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) के लिए चिह्नित किया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया जिले में स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया,उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान दिवस पर पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को सरकार की ओर से संचालित लाभ देने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पंजीकरण किया जाता है। इसके साथ ही नि:शुल्क विशेष सेहत जांच, प्रसव स्थान, परिवार नियोजन, पोषण एवं कोरोना नियमों के प्रति जागरूक किया गया।
डीपीएम पवन कुमार ने बताया कि गर्भवतियों के खून, पेशाब, रक्तचाप और हीमोग्लोबिन की जांच हुई। गर्भवतियों को आयरन व कैल्शियम की दवाएं भी वितरित गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरों डॉ. हरीश ने गर्भवतियों को फल वितरण किए। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में गर्भवतियों को खान पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा गर्भवती हरी पत्तेदार सब्जी, फल, दूध आदि का सेवन करें जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरों डॉ. वंदना ने गर्भवती की ब्लड, यूरीन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन जांच कराई। महिला चिकित्सक ने गर्भवती की जांच में कोरोना, सिफलिस, शुगर, हाइपरटेंशन, प्रसव जटिलता, गंभीर रूप से एनीमिक व पहला सीजर वाली गर्भवती की पहचान कर उनके सुरक्षित प्रसव का प्रबंधन करने के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान दिवस के अवसर पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहिए । उन्होंने कहा बीच बीच में गर्भवती को किसी भी प्रकार की दिक्कत महसूस हो तो लापरवाही न करें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर चिकित्सक से परामर्श लें । बच्चों में तीन साल का अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधन अंतरा इंजेक्शन, पीपीआईयूसीसी, आईयूसीडी, माला-एन, छाया, कंडोम को अपनाएं । जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके ।
-सोरों निवासी 25 वर्षीय रिंकी ने बताया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरों पर उन्होंने अपनी प्रसव पूर्व जांच कराई। रिंकी ने बताया उनका पांचवां महीना चल रहा है, अस्पताल में उनकी कोरोना, वजन, बीपी, सिफलिस, हीमोग्लोबिन व शुगर की जाँच की और महिला चिकित्स्क ने उन्हें फल,आयरन व कैल्शियम की दवा दी। उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी ।
- गंगागढ निवासी 22 वर्षीय संगमित्रा ने बताया उनका तीसरा महीना चल रहा है,अस्पताल पर उनकी कोरोना,हीमोग्लोबिन, शुगर, वजन, बीपी, सिफलिस की जाँच की और कैल्शियम आयरन की दवा दी। महिला चिकित्स्क ने उन्हें खान पान और विशेष ध्यान देने की सलाह दी, साथ ही बच्चों में तीन साल का अंतराल ज़रूरी, परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे मे जानकारी दी ।
कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरों अधीक्षक डॉ. हरीश, डॉ. वंदना, डॉ. मीना, एलटी सोनाक्षी व आदि स्टॉफ मौजूद रहा ।