जिले में 67700 ओ आर एस व 93800 जिंक टेबलेट की वितरित
30 जून तक चलेगा दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
- डायरिया से बचने के लिए फ़ास्ट फूड व मसालेदार चीजों के सेवन से बचें : बाल रोग विशेषज्ञ
जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन 1 जून को किया गया। 1 से 15 तक चलने वाले इस अभियान को परिवार कल्याण द्वारा आए पत्र में दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। इस अभियान को 30 जून तक चलाया जाएगा। अभियान के दौरान दस्त व डायरिया से बचाव के लिए आशाओं द्वारा गृह भ्रमण व माता बैठक कर बच्चों को ओआरएस घोल पिलाने तथा जिंक की गोली खिलाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पखवाड़ा के अंतर्गत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया जनपद में 1 जून से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरुआत हुई थी। परिवार मंत्रालय की ओर से आए पत्र में पखवाड़े को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। अभियान के अंतर्गत जनपद में अब तक 67700 ओ.आर. एस. घोल व 93800 जिंक की टेबलेट वितरित की गई। आशाओ द्वारा गृह भ्रमण व माता बैठक कर दस्त व डायरिया के प्रति अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है, एवं ओ आर एस घोल बनाने की विधि और जिंक की टेबलेट खिलाने के बारे मे जागरूक कर रही है।
डीपीएम पवन कुमार ने बताया आशाओ द्वारा अपने क्षेत्र के पांच वर्ष तक के बच्चों को चिन्हित कर ड्यूलिस्ट तैयार की गई। ड्युलिस्ट के अनुसार बीसीपीएम द्वारा आशाओ को ओ.आर. एस. पैकेट व जिंक की टेबलेट उपलब्ध करा दी गई है। आशाओ द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में गृह भ्रमण के दौरान परिवार को ओआरएस पेकेट व जिंक टेबलेट दी जा रही है। ओआरएस घोल बनाने व पिलाने का तरीका व जिंक टेबलेट खिलाने के बारे में जानकारी दी जा रही है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा भीषण गर्मी चिलचिलाती धूप से जिला अस्पताल की ओपीडी में रोज 4 से 5 डायरिया से ग्रसित बच्चे आ रहे है। उन्होंने कहा कि बार पतली टट्टी होना व पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन, निर्जलीकरण, जीभ सूख जाना, बुखार, मल में खून, दस्त व उल्टी डायरिया के लक्षण है।
बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा - कि नवजात शिशु को डायरिया से बचाने के लिए केवल माँ का दूध दें, ऊपर का कुछ न दें पानी घुट्टी शहद या बोतल का दूध न दें केवल छ : माह तक स्तनपान कराएं। केवल स्तनपान से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि लोग धूप से आने पर तुरंत ठंडा पानी या ठंडी चीजों का सेवन करते है जो बहुत नुकसान दे सकता है इसलिए भोजन को खुले में न रखें में फ़ास्ट फ़ूड का सेवन न करें, फ्रीज में रखी हुई चीजें को तुरंत फ्रीज़ से निकालकर न खाएं । डायरिया से बचने के लिए साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें। शौच जाने के बाद या बच्चे का शौच साफ करने के बाद, खाना बनाने से पहले खाना बनाने के बाद, खाना परोसने या बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथों को साबुन पानी से धो लें। पीने के पानी को साफ बर्तन में रखें व ऊंचे स्थान पर रखें डंडी दार लौटे का प्रयोग करें। उन्होंने कहा डायरिया होने पर ओ. आर. एस. के घोल व जिंक की गोली का प्रयोग करें। ओ.आर. एस घोल पानी की कमी को पूरा करता है, और जिंक अगले तीन माह तक दस्त व निमोनिया से बचाव करता है।
उन्होंने कहा - कि ओआरएस के एक पैकेट को एक लीटर स्वच्छ पीने के पानी को साफ बर्तन में लेकर उबालकर ठंडा करना है फिर घोल बनाकर रखना है, जो हर दस्त के बाद बच्चे की आयु के हिसाब से निर्धारित मात्रा में देना है। ओआरएस घोल को 24 घंटे के भीतर ही पिला दे। सफाई का विशेष ख्याल रखें, हाथों को अच्छी तरह साबुन-पानी से धोए। उसके बाद ही बच्चे को दवा और ओआरएस का घोल पिलाएं।
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ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट के फायदे :
-दस्त में कमी आती है ।
-जल्द ही दस्त बंद हो जाता है ।
-आने वाले तीन माह तक दस्त व निमोनिया से बचाव करता है ।
-जिंक टेबलेट कैसे दें ।
-दो माह से छ :माह तक के बच्चे को दिन में एक बार आधी गोली मां के दूध से दें ।
-छ : माह से पांच वर्ष तक के बच्चे को दिन में एक बार एक गोली मां के दूध या पानी से दे ।