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जिगर आपरेटर की कोरोना संक्रमण से मौत परिजनों को नहीं मिला शव



मेरापुर  फर्रुखाबाद

       जिगर ऑपरेटर अनिल कुमार पाल की कोरोना संक्रमण से बीती रात इलाज के दौरान अहमदाबाद में मौत हो गई है।

रविवार आज सुबह  5 बजे सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।

अनिल मेरापुर थाने के गांव नगला खरेना (मेरापुर) निवासी विनोद पाल का 20 वर्षीय पुत्र था।

अनिल बहरामपुरा खुडियाल अहमदाबाद गुजरात स्थित आशाद नामक कम्पनी (कपडे़ रंगाई की कम्पनी )में जिगर आपरेटर के पद पर नौकरी करता था।
अनिल कम्पनी के पास ही किराय के कमरे में शमशाबाद क्षेत्र के गांव खोवापुर निवासी अपनी बुआ मुन्नी देवी पत्नी शरनाम सिंह पाल के पुत्र जयदीप पाल एवं चाचूपुर निवासी दीपक के साथ एक ही कमरे में रहता था।



अनिल को 8 मई को सांस लेने में तकलीफ हुई तो जयदीप ने एंबुलेंस की सहायता से अपने ममेरे भाई अनिल को सिविस अस्पताल में भर्ती कराया था।
बीते शनिवार की रात अनिल कोरोना से जंग हार गया और उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
इस घटना की जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों ने जयदीप को दी।
जयदीप ने अल सुबह 5 बजे घटना की जानकारी अनिल के परिजनों को दी।
मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
अनिल के बडे़ भाई अनूप ने मीडिया को बताया कि मैं भी भाई के साथ उसी कम्पनी में नौकरी करता था।
फरवरी माह में मेरे पुत्र का अन्नप्राशन था।इसी लिये मैं बहां से चला आया था।
मेरे भाई को पता चला कि ट्रेन यात्रा शुरू हो गई है।तो वह घर आने की आस में बीते दिनों कई बार अपने कमरे से पैदल अपने साथियों के साथ अहमदाबाद स्थित कालूपुर रेलवे स्टेशन गया।
लेकिन घर आने के लिये उसे ट्रेन नहीं मिली।
चार पांच मई से उसे बुखार आने लगा।
मेरे भाई ने फोन पर मां विमला देवी को बताया कि मुझे बुखार आ गया है।
मां ने कहा बेटा दवाई ले लो।तो वह डाक्टर के पास गया और दवा ले आया। दवा से उसे आराम हो गया।फिर दोबारा दवा लेना उसने मुनासिफ नहीं समझा जिसके बाद 7 मई की शाम अपनी मां ,पिता ,भाई को फोन पर बताया कि मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। तो परिजनों ने सरकारी अस्पताल से दवा लेने की सलाह दी।
सांस लेने में और अधिक तकलीफ होने पर जयदीप ने 8 मई को एंबुलेंस की सहायता से सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।
स्वास्थ्य कर्मियों ने अनिल को अस्पताल में भर्ती कर लिया ।
और जयदीप व दोस्त दीपक को अस्पताल में नहीं घुसने दिया।
बीते रविवार की सुबह करीब 4:30 बजे स्वास्थ्य कर्मियों ने अनिल की मौत की जानकारी जयदीप को दी।
जयदीप ने अस्पताल पंहुच कर शव को ले जाने के लिये कहा लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने जयदीप व दोस्त दीपक को अनिल का म्रत शरीर दूर से दिखा दिया गया।
लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना से संक्रमित होने के कारण शव को जयदीप के कब्जे में नहीं दिया।
और वहीं शव का स्वास्थ्य कर्मियों ने दहासंस्कार कर दिया।
घटना के बाद से मां विमला देवी, बहन, बड़े भाई अनूप ,अरुण, एवं छोटे भाई अंशू के अलावा अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया।
परिजन अनिल का म्रत शरीर भी नहीं देख सके।
अनिल की मौत के बाद से उसके पैतृक गांव में सन्नाटा पसर गया।


ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत