राहुल भट की हत्या से गम और गुस्से में कश्मीरी पंडित, रात भर चलता रहा विरोध प्रदर्शन
सरकार की ओर से एक तरफ कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने के प्रयास किए जा रहे हैं तो वहीं आतंकवादी दहशत कायम कर उन्हें अपनी मातृभूमि से दूर रहने को विवश कर रहे हैं। गुरुवार शाम को
तहसीलदार ऑफिस में घुसकर सरकारी कर्मचारी की हत्या ने एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने तहसील दफ्तर में घुसकर 36 साल के राहुल भट पर गोलियां बरसा दी थीं। राहुल को हमले के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने कश्मीरी पंडितों का गुस्सा बढ़ा दिया है और गुरुवार को देर रात लोग प्रदर्शन करते रहे।