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25 अप्रैल 1999 का स्मरण - फालुन दाफा अभ्यासियों की शांतिपूर्ण अपील


चीन में 25 अप्रैल 1999 का शांतिपूर्ण विरोध एक मील का पत्थर कहा जा सकता है, जिसकी मार्टिन लूथर किंग और महात्मा गांधी ने भी सराहना की होती।

फालुन गोंग साधना अभ्यास के बारे में चीनी मीडिया में निंदनीय लेख लिखे जाने के खिलाफ लगभग 10,000 फालुन गोंग अभ्यासी अपील लेने के लिए, बीजिंग के झोंगनानहाई केंद्रीय सरकार परिसर में एकत्रित हुए और अपने नागरिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक विरोध किया।




फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) मन और शरीर का साधना अभ्यास है, जिसकी शुरुआत 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा चीन की गयी। इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण फालुन गोंग चीन में इतना लोकप्रिय हुआ कि कुछ ही वर्षों में करोड़ों लोग इसका अभ्यास करने लगे। फालुन गोंग की बढ़ती लोकप्रियता चीनी कम्युनिस्ट शासकों को खलने लगी।

चीन के कम्युनिस्ट शासन के इतिहास में 25 अप्रैल की अपील, न केवल अपने आकार के लिए उल्लेखनीय थी, बल्कि इसलिए भी कि यह पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित थी।

हालाँकि, चीनी शासन ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। आज तक, कम्युनिस्ट शासक फालुन गोंग पर 25 अप्रैल, 1999 को "झोंगनानहाई केंद्रीय सरकार परिसर की घेराबंदी करने" का आरोप लगाते हैं। वे झूठा आरोप लगाते हैं कि 10,000 लोगों की भीड़ राष्ट्र और उसके नेताओं के लिए एक हिंसक खतरा थी। 

लेकिन सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता।

दिन भर यातायात सुचारू रूप से चलता रहा। कुछ अभ्यासियों ने वाहनों और पैदल यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए पहल की। पैदल चलने वालों को फुटपाथ का उपयोग करने देते हुए, अभ्यासी सड़क के किनारे पर चलते रहे। वे शांत और व्यवस्थित थे।

तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री झू रोंगजी ने फालुन गोंग प्रतिनिधियों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सरकार फालुन गोंग का विरोध नहीं करेगी। उसके बाद 10,000 अभ्यासी शांतिपूर्वक वापस जाने लगे। जाते समय अभ्यासियों ने अपने आस-पास की सफाई की, यहां तक ​​कि पुलिस द्वारा गिराए गए सिगरेट के टुकड़ों को भी उठाया। 

कम्युनिस्ट शासन के झूठे वादों के 2 महीने बाद, 20 जुलाई 1999 को चीनी शासक जियांग जेमिन ने फालुन गोंग अभ्यासियों पर अब तक का सबसे क्रूर दमन शुरू कर दिया जो आज तक जारी है। फालुन गोंग का अभ्यास करने के आरोप में अब तक लाखों चीनी लोगों का अपहरण कर जेलों में डाल दिया गया, यातनाएं दी गईं, स्कूलों, नौकरियों से निकाल दिया गया, या बेघर कर दिया गया। चीन में 80,000 यातनाओं के मामले सामने आये हैं। हजारों की हत्या कर दी गयी।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा फालुन गोंग का दमन और नरसंहार मानवता के खिलाफ अपराध है। भारत के नागरिकों को भी चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन की निंदा करनी चाहिए और फालुन गोंग अभ्यासियों का समर्थन करना चाहिए। इस सन्दर्भ में भारत सहित अनेक देशों में यह याचिका बहुत प्रचलित हो रही है: www.change.org/supportfalungonghindi 

आप भी इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चीन में फालुन गोंग अभ्यासियों पर 23 वर्षों से चल रहे दमन को समाप्त करने में सहयोग कर सकते हैं। इस बारे में और जानकारी आप www.faluninfo.net पर पा सकते हैं।