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कौन बनेगा शिकन्दर .....? बनबिभाग व लकड़ी माफियाओं में मानो होड़ लगी हो ।

आजकल बहुत ऐसे मामले सामने आते हैं जहां किसी भी शातिर व्यक्ति द्वरा अपने बचाव के लिए किसी को भी झूठे मामले के आरोप लगाकर टारगेट बना लिया जाता है। लालच जो भी हो ये तो जांच कर ही पता चल सकता है। हाल ही का मामला है जहां निधौली कलां क्षेत्र में पकड़ी गई एक अबैध लकड़ी की पिकअप जिस पर बन बिभाग द्वारा कार्यवाही कर दी गई जिससे बौखलाए लकड़ी ठेकेदारों (लकड़ी माफिया) ने मिलीभगत और मनगढ़ंत कहानी बनाकर बनबिभाग और पुलिस को अपना टारगेट बना लिया और पैसे लेने का झूठा आरोप बन बिभाग पर थोपने की कोशिश कर रहा है।



दरअसल ये पूरा मामला जिला एटा के थानाक्षेत्र निधौली कलां के गांव नगला बन्दी का है जहां लकड़ी माफियाओं द्वारा चोरी छिपे हरे पेड़ों पर आरा चलाकर काट गिराया जा रहा था। जिसकी सूचना मुखबिर खास के द्वारा बनबिभाग व पुलिस को मिली सूचना मिलते ही तत्काल बनबिभागीय अधिकारी ,कर्मचारी व क्षेत्रीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लकड़ी माफियाओं को अबैध प्रतिबंधित लकड़ी काटते रंगेहाथ पकड़ लिया ।


कुछ लकड़हारे रफूचक्कर हो गए जहाँ बिभाग व पुलिस को कुछ लकड़ी काटने वाले औजार हाथ लगे इसके साथ ही लकड़ी से भरी एक पिकअप हाथ लगी जिसे लकड़ी माफियाओं ने अपनी चालाकी दिखाते हुए पिकअप को जानबूझकर खड्डे में फंसा दिया ताकि कोई बिभागीय कर्मचारी या पुलिस उसे ले जा ना सके शातिर किस्म के लकड़ी माफिया वहां से नौ दो ग्यारह हो गए। काफी प्रयासों के बाबजूद भी बिभाग वहां से पिकअप को बिभाग कम्पाउंड में लाने में असमर्थ रहा शाम को समय काफी हो चुका था और ये कहकर चले आये की कल देखते हैं।

मामला अब ये बन गया कि मानो बनबिभाग व लकड़ी माफिया (ठेकेदार) में होड़ सी हो गई हो रात भर के समय में बनबिभाग सोचता रहा कि लकड़ी माफियाओं पर कार्यवाही होनी है। इधर लकड़ी माफियाओं का शातिर दिमाग चलता रहा कि बचना कैसे है।


  फिर क्या बिभाग द्वारा कागजी कार्यवाही तो हो चुकी थी बस पिकअप में भरी लकड़ी कब्जे में लेना वाकी था दूसरे दिन जब लकड़ी कब्जे में लेने के लिए बिभाग वहां पहुंचा तो रातभर की प्लानिंग के तहत लकड़ी माफियाओं को बचने का कोई उपाय ना सूझा तो बनबिभाग व पुलिस पर रुपये लेने व मांगने का आरोप लगा दिया इतना ही नहीं बीट प्रभारी पर 1 लाख रुपये मांगने का आरोप लगा दिया।

ठेकेदारों की ये मनगढ़ंत कहानी का भंडाफोड़ जांच के बाद ही पता चलेगा। एक ठेकेदार का स्टेटमेंट का वीडियो सामने आया है जिसमें अगर ध्यान से शब्दों को सुना जाए तो सच्चाई का  साफ पता चलता है कि सच क्या है , इधर एक स्टेटमेंट का वीडियो बीट प्रभारी का भी सामने आया है जिसमें बीट प्रभारी ने बताया है कि ठेकेदार व उसके साथियों ने मेरे साथ दारू पीकर बदतमीजी की और अब बचाव के लिए झूठा आरोप लगा रहा है दोनों ने ही अपनी अपनी बात कही है सच क्या है ये तो जांच के बाद पता चलेगा । उपजिलाधिकारी का कहना है कि इस मुद्दे की जांच की जाएगी जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। 

इधर लकड़ी माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जिससे ये लकड़ी माफिया दोवारा किसी हरे भरे पेड़ों को अपना निशाना ना बना सकें। अगर इन ठेकेदारों पर शिकंजा ना कसा गया तो ये हरे जंगल को मैदान बना देंगे।।